देखते रहे लोग, मौके पर पहुंचे अनुज ने पहुंचाया अस्पताल, लेकिन नही बच पाई जान
देवास। अपनी पत्नी व बेटे को मिलने के लिए एक्टिवा से अपने ससुराल भोपाल जा रहे इंदौर दिशांत को मधुमिलन चौराहे के निकट अंधगति से जा रही आयसर ने टक्कर मार दी थी। दिशांत सडक़ पर तड़पता रहा, लेकिन आसपास के लोग देखते रहे, किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने तक की हिम्मत नही की।

उसी मार्ग से निकलकर साथियों के साथ अपने घर की ओर जा रहे अनुज प्रजापति ने जाम की स्थिति को देखते हुए मौके पर पहुंचे और एक ऑटो रिक्शा को रोककर गंभीर घायल युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दिशांत ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अनुज ने बताया कि लोग दिशांत को बीच सडक़ पर खड़े होकर देखते हुए और मोबाईल से वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने उसे अस्पताल ले जाने की हिम्मत नही जुटाई। यदि दिशांत को दुर्घटना के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया होता तो आज वह हमारे बीच होता।
अनुज ने कहा कि शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देते हुए जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। बहुत से लोग सोचते है कि यदि हम दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल लेकर जायेंगे तो हमें भी पुलिस थाना व कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। ये भ्रांतिया दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना अति आवश्यक है। सरकार द्वारा घोषण भी की गई है कि किसी भी व्यक्ति के सडक़ दुर्घटना के क्रम में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कार राशि एवं प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अंजान है। अनुज द्वारा पूर्व में भी कई जनहितैषी कार्य किए गए है।
Bhai apne yaha dewas ki police esa nahi karti he mene to galti se mere pas me rehne wale ko cm help line me call karne ke liye mera Mobil de diya 3 month meri jaan kha gaye yaha tak ki mix par zhuta arop lagane ki bhi dhamki dedi uppar se muze har din 2 se 3 phone karte or bolte ki Thane ayo jab me Thane nahi gaya to ASI tiyagi ji ke ek medam ne mere ghar ake hangama Kara batyo to kese koi kisi ki madaad kare
Dewas ke logo ki wajah se humare indore ke ghar ka ek chirag bhuj gaya Shame on you jo waha hone k bad bhi help ke liye aage nahi aaye
расчет доставки груза в Италию http://www.narodrecept.ru.