सागर। विश्व प्रसिद्ध बागेश्वर धाम प्रमुख पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने 95 लोगों की हिंदू धर्म में वापसी कराई है। उन्होंने सागर जिले में अपनी कथा के दौरान लोगों को समझाइश दी। इस दौरान 50 से अधिक परिवारों ने ईसाई धर्म छोड़ा और दोबारा हिंदू धर्म अपनाया।
एक तरफ इन परिवारों ने कहा कि वे लालच में आकर धर्म परिवर्तन कर बैठे थे, तो दूसरी तरफ पंडित धीरेंद्र ने कहा कि मेरा संकल्प है कि में हिंदुओं को खंड-खंड नहीं होने दूंगा। घर वापसी का अभियान इसी तरह लगातार चलता रहेगा। पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सागर के बहेरिया में कथा चल रही थी। 30 अप्रैल को कथा का समापन था। इस दौरान धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने कहा कि हम अपने रास्ते से भटक गए थे। हम लालच में आ गए थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। हम अपने ही मूल धर्म सनातन धर्म में रहेंगे।

बागेश्वर धाम प्रमुख पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन सभी का स्वागत किया, उन्हें आशीर्वाद दिया और धर्म की शपथ दिलाई। घर वापसी कर रहे लोगों ने बताया कि उन्होंने महज एक मच्छरदानी, कंबल और बकरी के चक्कर में धर्म परिवर्तन कर लिया था। लोगों ने कहा कि हम गरीब मजदूर हैं। हमारे लिए उस वक्त इतना ही काफी था। ये लोग हमें राजघाट ले गए और डुबकी लगवाकर धर्म परिवर्तन कर दिया। लोगों ने कहा कि जब हमने धर्म परिवर्तन कर लिया तो हमसे कहा गया कि अब हमारी औरतें मंगलसूत्र नहीं पहनेंगी, बिंदी भी नहीं लगाएंगी। लेकिन अब हम अपने धर्म में वापस आ गए हैं, अब नहीं भटकेंगे। हमारा असली धर्म सनातन धर्म है. कुछ लोगों ने यह भी बताया कि उन्हें बच्चों को पैसा देने और पढ़ाई का लालच दिया। उनसे कहा गया कि अगर वे ईसाई बनत हैं तो उन्हें सारी सुविधाएं मिलेंगी।
लोगों ने कहा कि हमने यहां राम कथा सुनी तो हमसे रहा नहीं गया। हमें अपने धर्म में वापस आना था। हमारी आत्मा जाग गई। अब हम जब तक जिएंगे सनातनी ही रहेंगे। अब हम कहीं और नहीं जाएंगे। इससे पहले पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने छतरपुर और ओडिशा सहित कई जगहों पर सैकड़ों लोगों की घर वापसी करा चुके हैं। पं. शास्त्री ने कहा कि हमें जातिवाद में नहीं पडऩा है। आज से घर वापसी कर रहे लोग हमारा परिवार हैं।
उन्होंने कथा सुन रहे लोगों से कहा कि मेरा संकल्प है कि मैं हिंदुओं को खंड-खंड नहीं होने दूंगा। मैं घर वापसी का अभियान लगातार चलाता रहूंगा। घर लौटे परिवारों को आप सभी भी अपना मानें। अगर हम आज नहीं जागे, तो लोग हमें खंड-खंड करते रहेंगे।