मासिक काव्यगोष्ठी व नशिस्त में वरिष्ठ एवं युवा कलमकारों ने दी प्रस्तुतियां
देवास। मुहब्बत में वो गाम आएगा एक दिन, मेरे सिर पर इल्जाम आएगा एक दिन जैसे ही देवास के वरिष्ठ कवि विनोद मण्डलोई ने यह पंक्तियां पढ़ी। वैसे ही सभागार तालियों से गूंज उठा। मौका था मासिक काव्य गोष्ठी का जो सम्यक कोचिंग क्लासेस अग्रवाल नगर देवास में आयोजित हुई। काव्य गोष्ठी में देवास शहर के कई युवाओं और वरिष्ठ कलमकारों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत युवा कवि राजेश राज ने सरस्वती वंदना से की। युवा शायर जय प्रकाश जय ने कहा ना इश्क़ जिधर है उधर नहीं जाना, उधर फऱेब है उस रहगुजऱ नहीं जाना। बस इक नजऱ में नजऱ भर के पढ़ लिए तुझको, अब इस किताब का मुझसे असर नहीं जाना। देव निरंजन ने बारिश के मौसम पर अपनी प्रस्तुति देते हुए कहा कि बुझे दिल पर पढ़े छीटें तो एक जुम्बिश उभर आई, जरा बादल क्या बरसे फिर तेरी ख्वाहिश उभर आई। तेरे मासूम चेहरे पर यकीं करने ही वाला था। चलो अच्छा हुआ जो वक्त पर साजिश उभर आई। युवा कवि राजेश राज ने सावन पर कहा कि सोंधी सोंधी सी वो बरसात के पहले की महक, खेत खलिहान बगीचों में वो चिडिय़ों की चहक, याद आते हैं वो सावन जो बिताए थे वहां, क्या थी ऐसी जरूरत जो चले आए यहां। युवा शायर मोइन खान ने कहा हमीं ने बाँट लिया खुद को कई खानों में खुदा ने फक़ऱ् कहाँ रख्खा है इंसानो में। जहाँ है होश जिय़ादा वहाँ तअस्सुब है। वहाँ सब एक हैं आओ चलो मैख़ाने में। राजोदा से पधारे गोसेवक माटी पुत्र कवि राजेश चौधरी ने कहा कि झोपड़े में झांका तो झांकी झरोका हो गई, फट गया कलेजा आंख आंसुओं से भर गई। स्वप्न में जो खीर देखी स्वप्न में ही खो गई। भूख से बिलख कर देखो नन्ही बिटिया सो गई।
प्रेम गीतों के कवि राधेश्याम पांचाल ने कहा कि उनके अधरों के साथ मेरे गीत हो जाएं, हाथ में हाथ हो और दिल में प्रीत हो जाए। अतुकांत कविता के रचनाकार दिलीप मांडलिक ने कहा कि फरियादी हवा पानी धरती का आचरण, आरोपी आदमी जज अजन्मा बच्चा। विजय जोशी ने फुट पर कविता पढ़ी। युवा कलमकार सर्वेश ने श्री राम पर कविता सुनाई। राजा वारसी ने मुहब्बत का पैगाम देते हुए गज़़ल पढ़ी। वैद्य आमीन खान ने ताजा हालात को बयां करते हुए अपने शब्द कहे। संचालन जय प्रकाश जय ने किया एवं आभार देव निरंजन ने माना।