बोल बम के नारो से गूंजा देवास, करीब 6 किमी यात्रा में सवा लाख से अधिक भक्त हुए शामिल
देवास। श्री सिद्धि विनायक भक्त मंडल द्वारा शहर में ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी एवं भव्य ऐतिहासिक यात्रा रविवार को नागदा से बिलावली महंकालेश्वर मंदिर तक निकाली गई। यात्रा का शुभारंभ नागदास्थित प्राचीन श्री सिद्धी विनायक गणेश मंदिर से पूजा-अर्चना एवं आरती के साथ हुआ। जिसमें केशरियां साड़ी पहने महिलाएं अपने सिर पर कलश रख शामिल हुई। वहीं पुरुष अपने कंधे पर गणेश कुण्ड से पानी भरकर कावड़ हाथ में लिए शामिल हुए।
मंडल संयोजक प्रदीप चौधरी ने बताया कि इस वर्ष निकली भगवामय कावड़ यात्रा जिले की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा थी। यात्रा करीबन 5 किलोमीटर की थी। भोले की भक्ति में पूरा देवास शहर भगवामय नजर आ रहा था। यात्रा में श्रद्धा एवं भक्ति का जनसैलाब देखने को मिला। महिलाओ के साथ बच्चे, बड़े बुजुर्ग कावड़ यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल हुए। भजन व डीजे की धून पर भक्त हाथो में कावड़ लिए चल रहे थे।
यात्रा का अनेक स्थानों पर सामाजिक, राजैनतिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा पुष्पवर्षा एवं स्वल्पाहार के साथ स्वागत किया गया। कावड़ एवं कलश यात्रा नागदा से बालगढ़, विकास नगर चौराहा, रामनगर, सयाजी द्वार, एम जी रोड़, सुभाष चौक, जनता बैंक चौराहा, नयापुरा, नाहर दरवाजा, भोपाल चौराहा, अनाज मंडी, आवास नगर, ब्राह्मण खेडा चौराहा होते हुए बिलावली महादेव मंदिर पहुंची। जहां कावडिय़ों द्वारा बिलावली में महांकालेश्वर का जलाभिषेक किया। तत्पश्चात मण्डल द्वारा रखी गई भोजन प्रसादी का लाभ भक्तों ने लिया। उक्त आयोजन सिद्धी विनायक भक्त मंडल द्वारा पिछले 6 वर्षों से किया जा रहा है।

सीहोर के बाद देवास में सबसे लंबी कांवड़ यात्रा
हाल ही में सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में प्रदीप मिश्रा द्वारा 11 किलोमीटर लंबी कांवड़ यात्रा निकाली गई थी, जिसमें 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का दावा किया गया। ऐसी ही कावड़ व कलश यात्रा देवास में श्री सिद्धि विनायक भक्त मंडल के प्रदीप चौधरी द्वारा नागदा प्राचीन गणेश मंदिर से करीब 6 किलोमीटर लंबी कावड़ यात्रा निकाली गई। जिसमें सवा लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की बात की जा रही है।

कावड़ व कलश यात्रा इतनी लंबी थी कि यात्रा का पहला छोर देवास पहुंच गया था, और दूसरा छोड़ नागदा गणेश मंदिर में ही था। समिति के सदस्यों द्वारा उक्त कावड़ यात्रा की तैयारी दो माह पहले से ही की जा रही थी। यात्रा में सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए। यात्रा में समिति के 200 युवा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौजूद थे। देवास बाइपास पर वाहनों का जाम भी लगता रहा। हालांकि, श्रद्धालुओं को कुछ-कुछ समय से रोककर वाहनों को निकाला भी गया।