पूर्व में किए गए विकास कार्यो को लेकर जनता के बीच जायेंगे- गायत्रीराजे पवार
देवास। जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार खड़े कर दिए है। देवास विधानसभा से भाजपा ने वर्तमान विधायक गायत्री राजे पंवार तो कांग्रेस ने प्रदीप चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है। देवास विधानसभा सीट पर भाजपा ने एक बार फिर स्व. महाराज तुकोजीराव की पत्नी गायत्री राजे पंवार पर भरोसा जताते हुए अपना उम्मीदवार बनाया है। गायत्री राजे पवार एक बार भी चुनावी मैदान में उतरकर जनता के बीच पहुंचेगी। राजे द्वारा कार्यकाल में किए गए विकास कार्यो को देवास विधानसभा की जनता खूब समर्थन दें रहीं हैं। देवास विधानसभा से पिछले तीन दशकों से भाजपा कब्जा रहा है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओ को भाजपा के सामने हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा प्रत्याशी राजे तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरी है। इससे पहले स्व. तुकोजीराव पवार 6 बार विधायक चुने गए थे। उनके निधन के बाद से ही उनकी पत्नी गायत्री राजे ने राजनीति अपनाई और चुनावी मैदान में विजयी होती आ रही है।
देवास विधानसभा को भाजपा का गढ़ कहा जाता है। क्योंकि यह सीट वर्ष 1990 से लगातार भाजपा के कब्जे में रही है 1990 से 2015 तक स्वर्गीय पवार यहां से विधायक रहे। तुकोजीराव पवार के निधन के बाद वर्ष 2015 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी श्रीमंत गायत्री राजे पंवार चुनावी मैदान में उतरी और तब से ही श्रीमंत गायत्री राजे पंवार यहां से विधायक है।
गायत्री राजे पावर से जब हमारे प्रतिनिधि ने चर्चा की तो उनका कहना था कि हम इस बार भी चुनाव में अपने किए गए विकास कार्य को लेकर ही जनता के बीच में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार से चुनौती के विषय में विधायक ने बताया कि मैं चुनाव को हल्का न समझ कर महत्वपूर्ण मानती हूं। मेरा मुकाबला किसी व्यक्ति विशेष से नहीं विपक्ष से है। देवास की जनता हमारा परिवार है। जिसे स्वर्गीय तुकोजीराव पवार मुझे सौप कर गए हैं। इस परिवार ने हमेशा मेरा ध्यान रखा है और मुझे मेरे परिवार पर पूरा भरोसा है। गायत्रीराजे पवार देवास की पहली महिला विधायक हैं। यही कारण है कि उनके के ह्रदय में आमजन के प्रति संवेदनाएं हैं। ऐसे कई विकास कार्य हैं जो राजमाता को विशेष बनाते हैं जिन्हे ही चिन्हित करके वो अपने चुनावी जनसंपर्क में हथियार बना कर इस्तेमाल कर रही है। राजपरिवार से जुड़ी होने के बावजूद वे जिस सहजता से आमजन के बीच जातीं हैं, उसकी सभी प्रशंसा करते हैं।
कांग्रेस के प्रदीप चौधरी को भाजपा की गायत्री राजे पंवार से मुकाबला करने के पूर्व अपनी ही कांग्रेस से मुकाबला करना होगा। क्योंकि कहा यह जाता है कि कांग्रेस का हर बार चुनाव हारने की एक मुख्य व बड़ी वजह अपने अंदर की अंतर कलह भी है। अगर इस बार भी ऐसा कुछ होता है तो प्रदीप चौधरी को भाजपा या कहे गायत्री राजे पंवार का यह किला भेदना काफी चुनौतीपूर्ण होगा।
भाजपा प्रत्याशी गायत्रीराजे पवार का सफर
वर्ष 2015 में विधायक तुकोजीराव के निधन के बाद उपचुनाव में गायत्री राजे पंवार विधायक के रूप में चुनी गई। जिसमें उन्होंने कांग्रेस के जयप्रकाश शास्त्री को 30778 मतों से पराजित कर विजय प्राप्त की थी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की और से गायत्री राजे पवार प्रत्याशी थीं वहीं कांग्रेस ने जयसिंह ठाकुर को अपना प्रत्याशी बनाया था। जिसमे कुल मतदान का लगभग 55 प्रतिशत मत भाजपा को तो लगभग 40 प्रतिशत वोट शेयर कांग्रेस को प्राप्त हुआ था। जिसमें गायत्री राजे पवार लगभग 28 हजार वोटों से विजयी हुई। हालांकि इस बार कांग्रेस ने उनके सामने प्रदीप चौधरी को मैदान में उतारा है।